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भारत के 15वें राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू का धमाकेदार भाषण

भारत के 15वें राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू का धमाकेदार भाषण

आज के इस पोस्ट में आप सभी को भारत के प्रथम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की धमाकेदार भाषण जिसको पूरी भारत की जनता सुन रही है जिसको आप लोग नीचे की पोस्ट में सुन सकते हैं!

जैसा कि आप सभी जानते हैं भारत के प्रथम महिला राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल जी थे उसके बाद भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू बनी है जो भारत के 15 में राष्ट्रपति हैं जिन का शपथ ग्रहण 25 जुलाई 2022 को होगी द्रोपति मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी है उसके साथ साथ द्रोपति मुर्मू एक आदिवासी महिला है!

द्रोपति मुर्मू  शिक्षिका रायरंगपुर में की थी उसके साथ साथ उन्होंने परिवारिक कारणों से श्रीमती मुर्मू ने सरकारी नौकरी छोड़ दी उन्होंने 1994 से 1997 तक 1 प्राथमिक विद्यालय में निशुल्क अरविंद शिक्षा केंद्र में पढ़ाया भी था द्रोपति मुर्मू अटल बिहारी बाजपेई जी से प्रभावित होकर राजनीति में आई तब वाह भाजपा के आदर्शों और सिद्धांतों पर चलना शुरू किया श्रीमती द्रोपति मुर्मू दो बार विधायक और मंत्री रही है वह सबसे पहले 2000 में पहली बार विधायक बने उसके बाद लगातार दो बार और ओडिशा सरकार में मंत्री भी रही है

भारत के 15वें राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू जीवनी

देश की पहली नवनिर्वाचित आदिवासी राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू आजाद भारत से 11 वर्ष छोटी है वह 64 वर्ष की उम्र में भारत के सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला बनी है!

द्रोपति मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले के कुसमी ब्लाक के अंतर्गत ऊपरबेरा पंचायत के ऊपर बेरा गांव के बैदापोसी टोला में 20 जून 1958 को हुआ था उनके पिता बिरंची नारायण टुडू माता सिनगो टुडू थी मुर्मू के दो भाई भगत टू डू और तारिणी सेंन टू डू थे उनके पिता ग्राम के प्रधान थे जो खेती करके अपना परिवार का गुजारा करते थे!

श्रीमती द्रोपति मुर्मू स्नातक तक की शिक्षा हासिल करने वाली अपने गांव की पहली आदिवासी महिला थी उनका बचपन काफी अभाव से मैं गुजरा वह अपनी शिक्षा अपने गांव के स्कूल से ली जब उनका शिक्षक ने स्कूल में नाम दाखिल करते समय उनका नाम द्रोपति लिखा था नामकरण से जुड़ा तथ्य है यह भी है कि मुर्मू का नाम आदिवासियों की परंपरा के तहत रखा गया उनकी दादी का नाम द्रोपति था इसलिए गांव और परिवार के लोग उन्हें उनकी दादी के नाम से पुकारते थे!

घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद भी द्रोपति मुर्मू पढ़ाई नहीं छोड़ी वह अपने हमेशा सीनियर के संपर्क से किताब लेती थी और पुरानी किताबों से ही अपनी पढ़ाई करते थे इसके बाद पिता ने भुवनेश्वर के यूनिट 2 स्थित आदिवासी बालिका आवासीय विद्यालय में दाखिला करा दिया वहां से मैट्रिक व इंटर की पढ़ाई की और भुवनेश्वर में ही रहने लगे और वही से रहकर रामादेवी कॉलेज से उन्होंने 1979 में स्नातक किया!

भारत के राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू का आज जो भाषण पूरे जनता के दिलों में धूम मचा रही है जो आप नीचे दिए गए वीडियो में आप देख सकते हैं!

 

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