Contact :8709463742

/

E-mail : singhdileepkumar18@gmal.com

अर्थशास्त्र के कुछ महत्वपूर्ण शब्दावलियां

Tags


67th bpsc exam date BPSC Current Affairs 2021 current affairs 2021 in hindi pdf free download current affairs 2021 pdf current affairs 2021 pdf free download in hindi with answers current affairs in hindi 2021 pdf current gk in hindi 2021 current news in hindi Drishti Current Affairs Book Drishti IAS Art And Culture Notes in Hindi Drishti IAS Art And Culture Notes PDF drishti ias polity notes pdf ghatna chakra bpsc history ghatna chakra gs pointer important current affairs 2021 latest current affairs 2021 mahesh kumar barnwal bhugol book mahesh kumar barnwal biology book mahesh kumar barnwal biology book pdf mahesh kumar barnwal biology book pdf download mahesh kumar barnwal book mahesh kumar barnwal book geography mahesh kumar barnwal book history mahesh kumar barnwal book list mahesh kumar barnwal book pdf mahesh kumar barnwal book pdf download mahesh kumar barnwal book pdf free download mahesh kumar barnwal book price mahesh kumar barnwal book review mahesh kumar barnwal books pdf in english mahesh kumar barnwal books review mahesh kumar barnwal books series mahesh kumar barnwal geography book amazon mahesh kumar barnwal geography book pdf mahesh kumar barnwal objective book in hindi pdf speedy current affairs book speedy current affairs book 2022 pdf in hindi download speedy current affairs book pdf speedy current affairs book pdf 2022 speedy current affairs book pdf download today current affairs in Hindi. vision ias world history notes pdf vision ias world history notes pdf in hindi द्वितीय

अर्थशास्त्र की कुछ महत्वपूर्ण शब्दावलियां

गिफिन की वस्तुएं –

गिफिन वस्तुएं निम्न कोट की वस्तुएं होती है। वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि होने पर गिफिन वस्तुओं की मांग बढ़ जाती है तथा  मूल्य में कमी होने पर इनकी मांग घट जाती है।

बफर स्टॉक-

आपात स्थिति में किसी वस्तु की कमी को पूरा करने के लिए वस्तु का स्टॉक तैयार करना बफर स्टॉक कहलाता है।

हीनार्थ प्रबंधन –

जब सरकार का बजट घाटे का होता है, अर्थात आय कम होती है और व्यय अधिक होता है, जब केंद्रीय बैंक से ऋण अथवा अतिरिक्त पत्र मुद्रा जारी कर पूरा किया जाता है तो यह व्यवस्था घाटे की वित्त व्यवस्था अथवा  हीनार्थ प्रबंधन कहलाती है

मुद्रा संकुचन –

जब बाजार में मुद्रा की कमी के कारण कीमतें गिर जाती है तथा उत्पादन और व्यापार में भी कमी आ जाती है और साथ ही बेरोजगारी बढ़ जाती है तो यह अवस्था मुद्रा संकुचन कहलाती है।

डंपिंग –

किसी देश द्वारा अपने देश में उत्पादित वस्तु का मूल्य बहुत कम करके दूसरे देश में निर्यात करना डंपिंग कहलाता है जैसे, चीन।

हॉट मनी –

ऐसी मुद्रा जिसकी मांग चारों तरफ होती है और जिसमें पलायन के गुण पाए जाते हैं उसे हॉट मिनी कहते हैं। जैसे- dollar’s

सॉफ्ट मनी –

ऐसी मुद्रा जिसकी मांग चारों तरफ बहुत कम होती है और जिस में पलायन के गुण नहीं पाए जाते हैं उसे हम सॉफ्ट मनी कहते हैं।

विमुद्रीकरण –

जब अर्थव्यवस्था में चल रही मुद्रा को बंद करके,उसकी जगह नई मुद्रा का प्रचलन किया जाए तो उसे विमुद्रीकरण करण कहते हैं।

अमूल्यन –

जब सरकार विदेशी मुद्रा की तुलना में स्वदेशी मुद्रा का मूल्य जानबूझकर कम कर देती है तो उसे अवमूल्यन कहते हैं।

चौथी दुनिया –

अफ्रीका एशिया के वे देश,जहां आधारभूत संरचनाओं की कमी, शिक्षा का स्तर काफी कम हो और देश में जो विदेशों के ऋण पर निर्भर होते हैं तो उन्हें चौथी दुनिया वाले देश करते हैं।

 ई-चौपाल –

गांव में इंटरनेट के माध्यम से किसानों को बाजार की मांग की जानकारी उपलब्ध करवाना ही ई चौपाल कहलाता है।

अनुषंगी लाभ –

किसी नियोक्ता द्वारा अपने कर्मचारियों को प्रदान की जाने वाली वह सुविधा जो वेतन के अलावा दी जाती हो उसे अनुषंगी लाभ कहते हैं।

गिनी गुणांक –

आय या संपत्ति के वितरण में व्याप्त आसमानता के सांख्यिकी माप को गिनी  गुणांक कहते हैं।

गिनी गुणांक का अधिकतम मूल्य = 1

गिनी गुणांक का न्यूनतम मूल्य = 0

“गिनी गुणांक का मान जितना अधिक होगा,सामाजिक विषमता भी उतनी अधिक होगी।

कुज्नेत्स वक्र –

इसे अर्थशास्त्री साइमन कुज्नेत्स द्वारा 1950 में विकसित किया गया था।

यह आर्थिक विकास और असमानता के बीच संबंधों को दर्शाता है।

तरलता संजाल –

जब तरलता बैंकों में बढ़ जाए तो वह तरलता बैंकों में ही फंस जाए तो उसे तरलता संजाल कहते हैं।

स्टैगफ्लैशन –

जब कीमतों में एक साथ वृद्धि और आर्थिक विकास मैं ठहराव दोनों आ जाए तो उसे स्टैगफ्लैशन कहते हैं।

राजकोषीय घाटा –

सरकार के कुल आय और व्यय में अंतर को राजकोषीय घाटा कहते हैं।

राजकोषीय घाटा आमतौर पर राजस्व में कमी या पूंजीगत व्यय में अत्यधिक वृद्धि के कारण होता है।

प्रगतिशील कर –

प्रगतिशील कर ऐसा कर होता है, जिसमें आय बढ़ने के साथ कर की दर बढ़ जाती है।

प्रतिगामी कर –

प्रतिगामी कर एक समान रूप से लागू किया जाने वाला कर है, जो उच्च आय वाले आयकर्ताओं की तुलना में कम आय वाले आय का बड़ा प्रतिशत होता है।

Bulls & Bears –

स्टॉक एक्सचेंज के शब्द है जो व्यक्ति स्टॉक की कीमतें बढ़ाना चाहता है,Bulls कहलाता है, जबकि  जो व्यक्ति स्टॉक की कीमतें गिरने की आशा करता है तो उसे Bears कहतें हैं।

प्रत्यक्ष कर –

प्रत्यक्ष कर वह कर है जिसमें कर का प्रारंभिक भुगतान करने वाला व्यक्ति ही कर का अंतिम बार वहन करता है।

अप्रत्यक्ष कर –

अप्रत्यक्ष कर उस कर को कहते हैं जो वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *