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भारत में अनुसूचित और गैर-अनुसूचित बैंक –
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), भारत में सर्वोच्च नियामक बैंकिंग अथॉरिटी है। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम.1934,के द्वारा स्थापित किया गया था।RBI, देश में बैंकिंग व्यवस्था के लिए नियम बनाता है और देश के मौद्रिक नीति के बारे में निर्णय लेता है। भारत के बैंकिंग क्षेत्र को मुख्य रूप से दो प्रमुख वर्गों में बांटा गया है, अनुसूचित बैंक को और गैर अनुसूचित बैंकों में,अनुसूचित बैंक उन बैंकों को कहा जाता है, जिनको RBI अधिनियम, 1934 की तिथि अनुसूची में शामिल किया गया है।
स्वामित्व के आधार पर वाणिज्यिक बैंकों को तीन समूहों में विभाजित किया गया है अर्थात निजी क्षेत्र के बैंक,सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और विदेशी बैंक।
ऐसे बैंक जो आरबीआई अधिनियम, ज्योतिष की तिथि अनुसूची में शामिल नहीं है तथा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं करते हैं गैर-अनुसूचित बैंक कहलाते है। गैर अनुसूचित बैंकों में सहकारी बैंक में शामिल होते हैं जो कि राज्य स्तर पर जिला स्तर पर प्राइमरी स्तर पर होते हैं।
अनुसूचित बैंक
1-निजी क्षेत्र के बैंक(Private Sector Banks) –
ऐसे बैंक जिसमें निजी व्यक्तियों का स्वामित्व होता है, तो उन्हीं नीचे क्षेत्र का बैंक कहा जाता है। जैसे -HDFC बैंक,ICICI बैंक और Axis बैंक।
2- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक(Public Sector Bank) –
जिन बैंकों में में मेजोरिटी हिस्सेदारी (51%) सरकार के पास होती है, उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक कहा जाता है, जैसे-पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया आदि।
3- विदेशी बैंक (Foreign Banks)-
एक विदेशी बैंक को मेहमान देश और मेजबान देश दोनों के नियमों को मानना पड़ता है, भारत के लिए विदेशी बैंक दो प्रकार के हो सकते हैं, एक वे जो भारत में अपनी ब्रांच खोलते हैं और दूसरे वे बैंक जो भारत में अपने प्रतिनिधि शाखा के माध्यम से बिजनेस करते हैं। जैसे-स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, अमेरिकन एक्सप्रेस और सिटी बैंक आदि।
गैर अनुसूचित बैंक-
गैर अनुसूचित प्राथमिक सहकारी बैंक शामिल होते हैं जो कि प्राथमिक स्तर,जिला स्तर और राज्य स्तर पर फैले होते हैं।
प्राथमिक स्तर-
इनकी स्थापना गांवों या कस्बों में होती है, इनमें सदस्य कारीगर,मजदूर या कानदार होते हैं।
जिला स्तर या केंद्रीय स्तर-
केंद्रीय बैंक दो प्रकार के होते हैं,
1-वेपन की जिंदगी बस अभी तो कोई सदस्य बनाया जाता है।
2-वह बैंक जिनमें समितियों के अलावा अन्य व्यक्ति को भी सदस्य बनाया जाता है।
कार्यक्षेत्र-इसका संबंध जिला स्तर से होता है,जिले में स्थित समस्त सहकारी समितियां अनिवार्य रूप से इसकी सदस्यता ग्रहण करती है। इस प्रकार या जिले की समस्त प्राथमिक साख समितियों का नियंत्रण करता है।
3-राज्य सहकारी बैंक-
राज्य सहकारी बैंक सहकारी साख संगठन की सर्वोच्च संस्था है,
इस प्रकार गांव-गांव एवं स्थान-स्थान पर फैली हुई साख समितियों के नियंत्रण जिले पर स्थित केंद्रीय बैंक करता है,उसी प्रकार राज्य भर में फैले हुए समस्त केंद्रीय बैंकों को राज्य सहकारी बैंक संगठित करता है।
इस रूप में यह बैंक समस्त राज्य भर में फैली हुई कृषि सहकारी संस्थाओं का शेर संस्था है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सूची-
1- Bank of Baroda
2- Bank of India
3- Bank of Maharashtra
4- Canara Bank
5- Central Bank of India
6- Indian Bank
7- Indian overseas Bank
8- Punjab & Sind Bank
9- Punjab National Bank
10- State Bank of India
11- UCO Bank
12- Union Bank of India
निजी क्षेत्र के बैंकों की सूची-
1- Axis Bank
2- Bandhan Bank
3- CSB Bank
4- City Union Bank
5- DCB Bank
6- Dhanlaxmi Bank
7- Federal Bank
8- HDFC Bank
9- ICICI Bank
10- Indusind Bank
11- IDFC First Bank
12- Jammu & Kashmir Bank
13- Karnataka Bank
14- Karur Vysya Bank
15- Kotak Mahindra Bank
16- Lakshmi Vilas Bank
17- Nainital Bank
18- RBL Bank
19- South Indian Bank
20- Tamilnad Marcantile Bank
21- YES Bank
22- IDBI Bank