Chandrayan 3 से UPSC,BPSC,SSC,Bihar Police and Other Competitive Exam में पूछे जाने वाले प्रश्न
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दोस्तों आज के इस पोस्ट में आप सभी के लिए चंद्रयान-3 से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्न के बारे में बताएंगे जो आपका आने वाले सभी प्रतियोगिता परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण है इस पोस्ट के माध्यम से आप उन सभी जानकारी के बारे में जानेंगे जो चंद्रयान 3 से संबंधित होंगे अगर आप लोग यूपीएससी बीपीएससी बिहार पुलिस बिहार दरोगा एसएससी बिहार एसएससी बिहार प्राथमिक शिक्षक भर्ती बिहार माध्यमिक शिक्षक भर्ती उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग बिहार लोक सेवा आयोग झारखंड लोक सेवा आयोग तथा अन्य किसी एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं तो या पूछे जाने वाले प्रश्न आप सभी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है इसलिए इस पोस्ट को आप अंत तक जरूर पढ़ें
सबसे पहले जानते हैं कि चंद्रयान वन का कब प्रक्षेपित किया गया था चंद्रयान-1 2008 में प्रक्षेपित किया गया था उसके बाद इसरो के द्वारा चंद्रयान-2 को प्रक्षेपित किया गया इसके बारे में हम नीचे पूरी विस्तार पूर्वक से बताते हैं
चंद्रयान-3 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा विकसित किया गया था और यह भारत का तीसरा चंद्रयान मिशन था। यह चंद्रमा की सतह पर जाने वाला था।
चंद्रयान-2 की मुख्य विशेषताएँ:
- उद्देश्य: इसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की दक्षिणी पोल क्षेत्र में उपकरणों को पहुँचाना था।
- लैंडर: चंद्रयान-3 में एक लैंडर (विमानन यान) था जिसका नाम ‘विक्रम’ था। इसका मिशन चंद्रमा की सतह पर संपर्क स्थल पर उपकरणों को उतारना था।
- ओर्बिटर: मिशन के हिस्से के रूप में एक ओर्बिटर भी था, जिसका नाम ‘चंद्रयान ओर्बिटर’ था। यह चंद्रमा की साथी ओर्बिट में रहकर विज्ञान का अनुसंधान करता रहा।
- वैज्ञानिक उपकरण: चंद्रयान-3 में विभिन्न वैज्ञानिक उपकरण भी थे, जिनसे चंद्रमा की भूस्खलन और भू-विज्ञान की अध्ययन किया जा सकता था।
- मिशन की स्थिति: 2019 में चंद्रयान-3 का मिशन लॉन्च किया गया था, लेकिन विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर संपर्क स्थल पर सही से उतरने में असफल रहा। हालांकि ओर्बिटर अपनी मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर रहा है और चंद्रमा की साथी ओर्बिट में कार्यरत है।
चंद्रयान-3 की मुख्य विशेषताएँ:
चंद्रयान 3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला मिशन बनकर इतिहास रच दिया है भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका रूस और चीन के साथ चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करने वाला कुछ देशों में शामिल हो गया है इससे संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्न नीचे उसके उत्तर बता रहे हैं
- चंद्रयान 3 के चंद्रमा की सतह पर कम से कम एक चंद्र दिवस पृथ्वी के 14 दिन तक संचालित होने की अपेक्षा
- प्रज्ञान रोवर लैंडिंग स्थल के चारों ओर 500 मीटर के दायरे में घूमेगा और परीक्षण करते हुए लेंडर को उत्तर एवं छमिया को भेजेगा
- विक्रम लैंडर डाटा और छवियों को ऑर्बिटल तक प्रसारित करेगा जिसे फिर उसे पृथ्वी पर भेज दिया जाएगा
- लैंडर और ओवर मॉडल सामूहिक रूप से उन्नत वैज्ञानिक पेलोड से सुसज्जित है
- इन उपकरणों को चंद्रमा की विशेषताओं के विभिन्न पहलुओं की व्यापक जांच करने के लिए डिजाइन किया गया है जिसमें उसे क्षेत्र का विश्लेषण खनिज की संरचना सात रसायन विज्ञान बाय मुंडलीय गुण और महत्वपूर्ण रूप से पानी एवं संभावित संसाधन जलाशयों की खोज शामिल है
- प्रणोद मॉडल जो लैंडर और रोवर कॉन्फ़िगरेशन को 100 किलोमीटर चंद्रमा की कक्षा तक ले गया
Chandryan 3 question answer
- 14 जुलाई को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चंद्रयान 3 मिशन को लॉन्च का इतिहास रच दिया
- चंद्रयान 3 इसरो के तीसरा मूल मिशन है
- चंद्रयान 3 को लेकर इसरो LVM 3- M4 रॉकेट ने श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी
- उड़ान भरने के 15 मिनट बाद ही पर नोडल मॉडल सफलतापूर्वक रॉकेट से अलग हो गया
- इस व्हीकल को बाहुबली रॉकेट का नाम दिया गया
- चंद्रयान 3 मिशन 24 अगस्त के शाम दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लेंगे लेंडिंग कराई गई