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राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की जानकारी विस्तार से

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग

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आज के इस पोस्ट में आप सभी को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के बारे में पूरी विस्तार पूर्वक बताएंगे क्योंकि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग से संबंधित यूपीएससी बीपीएससी तथा अन्य किसी भी एग्जाम में क्वेश्चन जरूर पूछे जाते हैं तो इसकी जानकारी जानने के लिए अभी इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सबसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने 1960 में अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया था इसके बाद भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने वर्ष 1978 में अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना की

अल्पसंख्यकों से संबंधित संवैधानिक प्रावधान

  • संविधान में अल्पसंख्यक के की सुरक्षा के लिए एवं उसके विकास हेतु बहुत सारे प्रदान किए गए हैं
  • भारत के संविधान में मौलिक अधिकारों के अंतर्गत अनुच्छेद 29 अल्पसंख्यकों के लिए भाषा लिपि तथा संस्कृति को संरक्षण प्रदान करता है
  • अनुच्छेद 350 के अंतर्गत मौलिक अधिकार में या प्रावधान किया गया है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी शिकायत निवारण के लिए संज्ञा राज्य में बोली जाने वाली भाषा किसी भी भाषा में आवेदन कर सकते हैं
  • अनुच्छेद 1950 के कौन है प्रत्येक राज्य भाषाई अल्पसंख्यक को के बच्चों के लिए प्राथमिक स्तर की शिक्षा उसकी मात्रिभाषा में देने का उचित प्रबंध करेगा

 अल्पसंख्यक आयोग की संरचना

  •  आयोग एक बहुत सदस्य संस्था है राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में एक अध्यक्ष एक उपाध्यक्ष तथा पांच अन्य सदस्य होते हैं
  • अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों की संख्या की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है
  • अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष तथा सभी सदस्यों की कार्यकाल 3 वर्षों का होता है
  • राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का पदेन सदस्य होता है

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के कार्य

  •  अल्पसंख्यक आयोग के अधिकारों का हनन की शिकायत को सुनना तथा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को विकास के स्तर का मूल्यांकन करना तथा इस संबंध में सुझाव देना है
  • राष्ट्रीय अल्पसंख्यक की सुरक्षा तथा कल्याण से संबंधित प्रयासों में सहयोग देना
  • संघ और राज्य सरकार द्वारा पारित विधियों पर सुझाव देना तथा अल्पसंख्यकों की शिकायतें जांच करना
  • राष्ट्रीय अल्पसंख्यक कल्याण के लिए वैधानिक एवं कल्याणकारी उपाय को समझाना
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की शक्तियां

अल्पसंख्यक आयोग निर्धारित कार्यों को पालन करते समय सिविल न्यायालय की शक्तियां को धारण करता है राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग भारत के किसी भी व्यक्ति को समन जारी कर सकता है अथवा उपस्थित होने के लिए बाध्य कर सकता है राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग किसी भी दस्तावेज का मांग कर सकता है तथा शपथ पत्र दाखिल कर सकता है पिछड़ा वर्ग आयोग और अनुसूचित जाति आयोग एवं जनजाति आयोग के संबंध में कहा गया है कि उनके सदस्य ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें उन सुविधाओं से संबंध में विशेष ज्ञान हो लेकिन राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के सदस्यों के संबंध में केवल यह वर्णित किया गया है कि वे अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित हो तथा सदस्यों की नियुक्ति हेतु विशेष ज्ञान प्रावधान नहीं किया गया है

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