दांडी यात्रा का क्या उद्देश्य था?

दांडी यात्रा का क्या उद्देश्य था?

1928 ईस्वी के बाद देश में उत्तेजना और निराशा का वातावरण चारों तरफ फैल रहा था 26 जनवरी 1930 ईस्वी के दिन सारे देश स्वतंत्रा दिवस के रूप में मनाया गया महात्मा गांधी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई इसी सिलसिले में 12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी की एक ऐतिहासिक दांडी यात्रा की शुरुआत हुई दांडी यात्रा के दौरान दांडी के तट पर 5 अप्रैल को पहुंचकर महात्मा गांधी ने नमक कानून को भंग कर अपने हाथों से नमक तैयार किया देश के अनेक स्थानों पर नमक आंदोलन हुआ विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया गया

शराब की दुकानें पर धरना इत्यादि कार्यक्रम शुरू किए गए सारे देश में नर नारियों ने तथा खासकर स्कूल तथा कॉलेज के विद्यार्थियों ने इस आंदोलन में उत्साह के साथ भाग लिया उधर सरकार भी चुप नहीं बैठी थी वह अपना दमन चक्र चालू किए हुए थे हजारों की संख्या में लोगों को जेल में डाल दिया गया और कांग्रेस एक गैर कानूनी संस्था घोषित कर दी गई

5 मार्च 1931 को गांधी इरविन समझौता हुआ और सविनय अवज्ञा आंदोलन को इसके बाद स्थगित कर दिया गया सविनय अवज्ञा आंदोलन स्थगित करने के बाद गांधी इरविन समझौता में जो चर्चा की गई उसमें गांधीजी संतुष्ट नहीं थे इसके लिए उन्होंने फिर से 3 जनवरी 1932 को सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की सरकार की कठोर नीति का शुरू हुआ महात्मा गांधी आम तौर पर बल्लभ भाई पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया आंदोलन का जोश ठंडा पड़ गया और अंत में या समाप्त हो गया

अशोक के धर्म के बारे में आप क्या जानते हैं

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